अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा लिरिक्स | Andherya Vastit Bhiman Lavlay Diva Lyrics
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मराठी लिरिक्स
करून करणी दिपवली धरणी
भयान रात होती जेव्हा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा
अन्यायाची सुरी धरी माणूस माणसावरी
असली दादागिरी पाहुनी भीम पेटला उरी
तयार झाला रणी उतरला, गर्जत सिंहाचा छावा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा
नरकातून ह्या निघा जगा माणूस म्हणुनी जगा
कपटी जुलमी जगा त्यागुनी, पावन जीवन बघा
नाही हादरला सांगत फिरला धडाडीने गावोगावा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा
त्या भगवंतापदी लीन तो झाला सर्वाआधी
जन हे लक्षावधी टाकिले नंतर ओटीमधी
हीन-दीनाना दुःखी जीवांना, दिला सुखाचा हा ठेवा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा
ह्या वस्तीला धनी हजारो वर्षे नव्हता कुणी
आला भीम-नरमणी टाकिली नगरी हि बदलुनी
लक्ष्मणा ही करणी पाही, जग सारं करतंय वाहवा
अंधेऱ्या वस्तीत भीमानं लावलाय दिवा
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