हे पाणी आणिले मी माठ भरुनी लिरिक्स | He Pani Aanile Mi Math Bharuni Lyrics
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मराठी लिरिक्स
हे पाणी आणिले मी माठ भरुनी
हे घोटभर जा हो पिऊनी
हे पाणी आनिले मी
नव्हे मानसं सारीच सैतान ही
भीमबाबा यांना नाही मुळी जाण ही
हे मोठ्या श्रद्धेनी आलो मी घेऊनी
हे घोटभर जा हो पिऊनी
भर उन्हात व्याकूळ जीव थांबला
शब्द कर्मठांचा जिव्हारी तो झोंबला
तो दाही दिशा पाही टक लावूनी
हे घोटभर जा हो पिऊनी
जीव जीवात हा होता त्याच्या जोवर
पाणी घेऊनि वाट पाहिली तोवर
तो प्राण सोडिला 'बाबा' म्हणूनी
हे घोटभर जा हो पिऊनी
बोले सोनबा भीमबाबा येतील
पाणी घोटभर माझ्या हाती घेतील
तो धन्य, प्रभाकरा वाट पाहूनी
हे घोटभर जा हो पिऊनी
हे पाणी आणिले मी माठ भरुनी
हे घोटभर जा हो पिऊनी
हे पाणी आनिले मी
(बाबासाहेब या वाटेने येतील, तर तहानेले राहू नयेत,
त्यांना पाणी मिळावे म्हणून सोनबा येलवे हे माठात
पाणी घेऊन पनवेलजवळ रस्त्याच्या कडेला आयुष्यभर
थांबले, त्यांच्यावर आधारित हे गीत आहे.)
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