-------------------------------------------------------------
श्री गायत्री मातेची आरती Shri Gayatri Matechi Aarti | Shri Swami Samarth | NityaSeva
श्री गायत्री मातेची आरती Shri Gayatri Matechi Aarti
॥ श्री गायत्री मातेची आरती ॥
जय देवी जय देवी जय गायत्री माते l
सदभावे ओवाळू जय प्रणवातीते ll धृ.ll
अनादी अनंत अतकर्य माये तव लीला l
स्वेच्छेने उपजविले विधी हरी शंभूला l
विधी सृजी जग हरी पोषी हर संहाराला l
प्रेरिसी योगमाये न कळे कवणाला ll १ ll
पांचामुखी पंचतत्वे निर्मियली l
पंचीकरणे विविध सृष्टी रचियेली l
अहंभावे तया स्फुरवूनी कृती केली l
माते तुज न स्तविती त्यांची मति भ्रमली ll २ ll
गाता तुज तरति म्हणूनि गायत्री नांव l
भुक्ति मुक्ती साधती न भवभया ठाव l
सत्वातीता ब्रह्म रुपिणी हा भाव l
धरिति जे ज्ञाने त्या नच दुखः वाव ll ३ ll
आदिमाये तुते विसरले लोक l
धर्म हानि होईल पडला हा धाक l
ग्रासुनि दैन्ये भ्रमुनि नुरला विवेक l
स्मरता तुजला अनुदिनी सकलही हो पाक ll ४ ll
त्रिनेत्र पंचशिरे चंद्रकला मुगुटाते l
वरदाभय चक्र गदा कपाल शंखाते l
द्वीपद्म अंकुश कश कर कमलासनस्थिते l
मोह निवारून माते उध्दरी आम्हांते ll ५ ll
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ConversionConversion EmoticonEmoticon